एक व्यक्ति जो दुख पाते पाते जिंदगी से तंग आ गया

ये सच्ची घटना है उस व्यक्ति की जो अपनी दुखभरी जिंदगी से परेशान हो गया। एक्सीडेंट में पैर टूट गया, पेट में पथरी हो गयी, कभी फोड़ा हुआ तो कभी गिर गया ऐसे ऐसे रोज नए दुख मिल रहे थे
ओर फिर पढ़िए की कैसे उसे सत भगति की जानकारी हुई ओर वह फिर उठ खड़ा हुआ
jindgi se preshan

एंकर-  नमस्कार सर
वक्ता-  सत साहिब

एंकर-  सर क्या नाम है आपका
वक्ता- अमित दास

एंकर-  कहां के रहने वाले हैं
वक्ता- मैं ग्वालियर मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं

एंकर- सर संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा आपने कब ली
वक्ता- 16 सितंबर 2016 को

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एंकर- सर संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने से पहले क्या आप कोई भक्ति साधना भी करते थे
वक्ता- मैं ब्रह्मा विष्णु महेश की सेवा करता था। जन्माष्टमी का उपवास रख लेना, और शंकर जी के शिवरात्रि का उपवास रख लेना, नवदुर्गा में उपवास रख लेना आदि पूजा करता था


एंकर- सर फिर आप संत रामपाल जी महाराज की शरण में कैसे आए
वक्ता- सर यह सब पूजा करने के बाद भी मेरे जीवन में परेशानियां चलती रहती थी। कभी कुछ हो जाना, मेरे पैर में जब मैं 6 साल का था तब एड़ी में लग गया था Iचोट, साइकिल में चला गया था पैर। उसके बाद में मेरे बड़े होते होते कुछ ना परेशान कुछ परेशानी चल ही रही थी। और कान के पीछे भी एक फोड़ा हो गया था मेरे, उसका भी ऑपरेशन हुआ था छोटा था तभी। और उसके बाद में मैं पूजा करता रहता था ताबीज बनवाना। कुछ ना कुछ करता ही रहता था। मेरा ताबीज एक तो दिन ही चलता था, और फिर खराब हो जाता था। बार-बार बाबा के पास जाना, भटकते रहना। इतनी पूजा करने के बावजूद मेरा एक्सीडेंट हुआ 19 जनवरी 2016 में। उसके बाद में भी मुझे दो-तीन महीने बाद पथरी हो गई। और ऑपरेशन होने के बाद भी मेरे थोड़ी सी कील टूट गई जो रोड लगी हुई थी पैर में। फिर उसका ऑपरेशन हुआ लेकिन मतलब लाइफ में कुछ ना कुछ चल ही रहा था। उसी दौरान घर घर आकर संत रामपाल जी के जो शिष्य होते हैं वह पुस्तक सेवा करते हैं वहां से मुझे ज्ञान गंगा पुस्तक

 मिली। उस पुस्तक में मैंने ऐसा ज्ञान पढ़ा जो भविष्य में कभी किसी के पास नहीं है। उसमें संत रामपाल जी ने पूरी सृष्टि रचना खोल कर रख दी। मनुष्य कहां से आया है और मनुष्य जीवन किस लिए मिला है। उसे पढ़ने के बाद 16 सितंबर 2016 में संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली


एंकर- सर हमने सुना है कि जो लोग संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेते हैं उनको बहुत लाभ प्राप्त होते हैं चाहे वह आध्यात्मिक, भौतिक, शारीरिक हो या मानसिक हो। तो क्या आपको भी कोई लाभ प्राप्त हुए हैं, क्योंकि आप पहले बहुत दुखी थे
वक्ता- हां जी मुझे दिन प्रतिदिन बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त होने लग गए, जबसे मैंने नाम दीक्षा ली है। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से पहले जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था। तब मैंने अपने पैर को देखकर समझ लिया कि चलना तो दूर की बात है, मैं खड़ा भी नहीं हो पाऊंगा। मेरा इस तरह से एक्सीडेंट हुआ था, और ऑटो पलटा था। लेकिन जब मैंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली तो संत रामपाल जी की कृपा से मेरा पैर बिल्कुल ठीक हो गया। और संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेने से जो पहले मुझे सोने में दिक्कत आती थी वह भी खत्म हो गई। और सर हमारे घर पर किराए से एक लड़का रहता था। तब पानी बरस रहा था छत पर। तो वह पानी निकाल रहा था उसमें नाली में छत पर। तो उसकी मम्मी बोली कि क्या कर रहा है तू ऊपर, तो वह झाँककर नीचे देखने लगा। तब नीचे झाँकते-झाँकते वह गिर गया। संत रामपाल जी ने उसे बचा लिया, नहीं तो पता नहीं क्या हो जाता। इतनी जोर से आवाज आई कि मोहल्ले वालों ने भी सुनी थी। सभी ने आवाज सुनी तो देखने के लिए सब लोग आने लगे मोहल्ले के। कहने लगे कि लग गई होगी बहुत। लेकिन पता नहीं मालिक ने कैसे बचा लिया बहुत राजा हुई मालिक की उस दिन। मेरे जो 6 एमएम की पथरी थी मैंने दवाई खाना बंद कर दी थी उसकी। क्योंकि मुझे जो एक्सीडेंट हुआ था उस पैर की भी दवाई खा रहा था। और पथरी की भी खा रहा था। तो मेरे एक पथरी नहीं थी मेरे बहुत सारी छोटी छोटी दानेदार पथरी थी। डॉक्टर ने बोला कि आपको दवाई खानी पड़ेगी। दवाई खाते खाते वह छोटी-छोटी पथरी तो निकल गई, लेकिन 6 एमएम की पथरी वह वही थी। और मैने बंद कर दी दवाई खाना। क्योंकि मैं एक्सीडेंट की दवाई भी खा रहा था परेशान हो गया था दवाई खाता खाता। इधर संत रामपाल जी से नाम दीक्षा ली थी मैंने। इंटरव्यू में देखा था जब और लोगों की पथरी ठीक हो सकती है तो मेरी क्यों नहीं हो सकती। डॉक्टर ने बोला कि तुम बीज वाली चीज नहीं खा सकते पुड़ी नहीं खा सकते तेल की चीज नहीं खा सकते। मैं दो-तीन पुड़ी नहीं खा पाता था। तेल या घी की रोटी भी नहीं खा पाता था, मेरे दर्द होने लगता था। और संत रामपाल जी की दया से पथरी पूरी खत्म हो चुकी है मेरे, पथरी पता नहीं कहां गई। अब मैं चाहे कुछ भी खालूं, मेरे कोई दर्द नहीं होता। पथरी बिल्कुल खत्म हो चुकी है। सर जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब मैंने यह देख लिया था। मेरे पैर में इस तरह से चोट थी की मैं चलना तो दूर खड़ा भी नहीं हो पाऊंगा। वह बंदा भक्ति करने के बाद में संत रामपाल जी से जुड़ने के बाद में इंटरव्यू के लिए गया था। वहां मैंने सोचा कि ऐसे ही कुछ टेस्ट होगा, वहां पता पड़ा की सर ने बोला रनिंग होगी। मेरे तो पैर में रोड डली हुई है तो मैंने संत रामपाल जी के ऊपर छोड़ कर, मैं तो दौड़ गया। और मैं दौड़ा उसी तरह से जिस तरह से सब दौड़ रहे थे। मैं ऐसे लंगड़ा के भी नहीं दौड़ा। बिल्कुल सही तरह दौड़ा और मैंने टेस्ट निकाल दिया जी। यह सब संत रामपाल जी की कृपा से ही हो पाया। टेस्ट पास किया मैने और जॉब लग गई


एंकर- सर संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने के बाद आपको बहुत लाभ प्राप्त हुए हैं तो जो श्रद्धालु आज आपको देख रहे हैं आप उन्हें क्या कहना चाहेंगे
वक्ता- मैं संदेश तो नहीं दे सकता सर, मैं एक दास हूं मैं सिर्फ इतना बता सकता हूं कि संत रामपाल जी का सत्संग बहुत चैनलों पर शुरू हो चुका है। साधना टीवी पर भी 7:30 बजे से 8:30 बजे तक आता है। ईश्वर चैनल पर भी आता है, बहुत चैनलों पर आता है। उसमें जो नीचे पीली पट्टी चलती है उस पर नंबर दिए रहते हैं। उन नंबरों पर फोन लगाकर संत रामपाल जी से नाम दीक्षा ले सकते हैं



एंकर- धन्यवाद सर
वक्ता- सत साहिब



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कैंसर का मुफ्त इलाज संभव है टीबी एड्स जैसी सभी घातक बीमारियां पलक झपकते ही समाप्त होती है भूत प्रेत बाधाए आस पास फटकती भी नही है कंगाली से मुक्ति मिलती है आर्थिक स्थिति सामान्य होने लगती है ये सारे चमत्कार सम्भव है सिर्फ सद्भगति से 
अगर आपके दिमाग मे ये विचार आ रहा हो कि भगति तो हम करते है सभी करते है पर फायदा नही मिल रहा तो इसलिए हमें आपको बताना चाहते है कि हमने सद्भगति शब्द लिखा है जिसका मतलब है प्रमाणित भगति, प्रमाणित कहा से, जी हां पवित्र वेदों और पवित्र गीताजी में जो भगति कहि गयी है उसी को करने से लाभ पूर्ण मिलता है सन्त रामपाल जी वही सत्य भगति दे रहे है बाकी पूरा समाज सिर्फ बढ़ो से सुनी सुनाई बाते से भगति में लगा है जो कि पूर्ण परमात्मा की नही है तो लाभ भी खुद ही नही मिलेगा।
सन्त रामपाल जी के ज्ञान को सुने उनके पवित्र संत्संग आप यूट्यूब पर सुन सकते है

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