नशा मनुष्य जीवन का नाश कर देता है इसको त्यागने में ही सबका हित है... कबीर साहेब जी कहते हैं.... सौ नारी जारी करे, सुरापान सौ बार। एक चिलम हुक्का भरे, डूबे काली धार।।


नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है फिर शरीर का नाश हृदय है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं फेफड़े, लीवर, गुर्दे, हृदय। शराब सबसे प्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। इन सब से निजात पाने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य सुनें।