संगीता बहन ने देखा है सतलोक । मिली मकरतार कि डोरी ओर पहुची सतलोक

ये अनुभव है उस बहन का जिसने मकरतार की डोरी मिली और जिसे परमात्मा आकर के अपमान निजधाम सतलोक दिखाकर के लेकर आए

yes maine jannat dekhi h
swarg dekha maine


सवाल-  नमस्कार जी
वक्ता- सत साहिब

सवाल- क्या नाम है बहन जी आपका
वक्ता- संगीता दासी

सवाल- संगीता जी आप कहां के रहने वाली है
वक्ता- नांगलोई सुल्तानपुरी

सवाल- बहन जी संत रामपाल जी महाराज से कब जुड़े आप
वक्ता- संत रामपाल जी महाराज जी से 2000 में जुड़े थे वह भी मेरे मामा जी के द्वारा

सवाल- बहन जी संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद क्या आपको कोई लाभ भी प्राप्त हुए
वक्ता- जी हां संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद मुझे लाभ प्राप्त हुए काफी सारे लाभ प्राप्त हुए हैं| उसमें सबसे बड़ा लाभ था कि मालिक मुझे सतलोक घुमा कर लाए थे| दोपहर का समय था मैं सो रही थी कबीर परमात्मा खुद आए थे| बोले कि चल बेटा तुझे सतलोक घुमा कर लाता हूं| उसके बाद फिर मैंने बोला ठीक है मालिक चलते हैं| मालिक एक रथ लेकर आए थे कबीर परमात्मा| उसमें  बैठ कर गई थी फिर आगे जाकर मकर तार की डोरी आई थी| 3 डोरिया थी उसमें एक मकर तार की डोरी थी| उसकी तरफ देखना नहीं था| कभी परमात्मा से मैंने पूछा कि परमात्मा जी यह क्या है, तो परमात्मा ने बोला बेटा यह मकर तार की डोरी है| इसकी तरफ देखना नहीं है तो मैंने इसकी तरफ नहीं देखा| उसके बाद फिर परमात्मा आगे लेकर गए, तो आगे सतलोक था| सतलोक का गेट था वह बहुत ही बड़ा था सोने का गेट था और ऊपर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था सतलोक| उसके बाद परमात्मा मुझे अंदर लेकर गए वहां पर परमात्मा ने मुझे घुमाया और वहां पर मेरे नाना नानी थे| जो उन्होंने भी संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश ले रखा था| तो उनसे भी वहां पर मिले उनको सत साहेब भी किया| वह अपना सिमरन कर रहे थे सत्संग भी सुन रहे थे और वहां पर काफी चीजें देखी बहुत ही अच्छा था वहां| मतलब यहां से तो बहुत ही अच्छा था वहां पर| उसके बाद फिर परमात्मा बोले चल बेटा नीचे चलते हैं तो मैंने  बोला परमात्मा मुझे भूख लग रही है तो परमात्मा बोले क्या खाएगी बेटा| तो मैंने बोला परमात्मा में आम खाऊंगी तो उसके बाद परमात्मा ने मुझे आम खिलाया| और परमात्मा ने बोला कि बेटा अब चल नीचे चलते हैं उसके बाद फिर मैंने आम खाने के बाद बोला परमात्मा मैं नीचे नहीं जाऊंगी| परमात्मा बोले क्यों, मैंने बोला परमात्मा मुझे यही रहना है यही अच्छा लगता है बस मुझे यही रहना है| तो परमात्मा बोले बेटा भक्ति करने के लिए तुझे नीचे जाना है तभी तो तू सतलोक आ पाएगी नहीं तो कैसे आएगी| मैंने कहा ठीक है परमात्मा| तो परमात्मा बोले बेटा नीचे जाकर ज्ञान प्रचार भी करना है अपने सभी भाई बहनों को भी इस काल के लोग से निकलवाना है मैंने कहा जी परमात्मा बिल्कुल| उसके बाद फिर परमात्मा मुझे नीचे छोड़ कर गए तो जब मैं उठी तो मैंने सबको बताया और मेरे मुंह का स्वाद ऐसा था जैसे कि बहुत ही मीठा आम खाया हो मैंने| एक लाभ यह मिला था कि हमारे घर पर भूत प्रेत की बहुत बाधाएं थी| आवाजें आती थी मैं छोटी थी तो मम्मी के पेट पर सोती थी तो जो भूत प्रेत थे वह मुझे पेट पर से गिरा देते थे| तो यह सारी बातें जब मेरी मम्मी ने मेरे मामाजी को बताई तो उन्होंने बोला कि बहन एक ही है जो इन सब से छुटकारा दिला सकते हैं| तो मेरे मामा जी ने बोला कि करोंथा मैं संत रामपाल जी महाराज जी हैं| उनसे नाम उपदेश लेने के बाद तेरे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे| तो मम्मी ने बोला कि मैं तभी उपदेश लूंगी जब परमात्मा खुद आकर मुझे संत रामपाल जी महाराज खुद आकर मुझे दर्शन देंगे| तो ऐसा ही हुआ जिस दिन मम्मी ने यह बात बोली उसी दिन फिर संत रामपाल जी महाराज जी ने मम्मी को दर्शन दिए उसके अगले ही दिन मम्मी  संत रामपाल जी महाराज जी के पास पहुंच गई| और उस दिन से आज का दिन है हमें कुछ परेशानी नहीं आई है| एक लाभ और हुआ था किसी  कारणवश मेरा नाम खंड हो गया था तो उसी बीच नाम खंड होने के बीच ही हमने आन उपासना भी अपना ली थी| जिस वजह से और ज्यादा दिक्कतें आने लग गई थी हमने काफी पंडितों को दिखाया, काफी मुसलमान वगैरह है उनको भी दिखाया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा| और मेरे अंदर जो मेरे दादा दादी आते थे वह बोलकर चल गए थे कि लड़की होली तक रहेगी उसके बाद नहीं रहेगी| जो अभी होली गई है उसी होली की बात है| यह बोला था कि लड़की से होली तक ही रहेगी उसके बाद नहीं रहेगी, बचा सकते हो तो बचा लो| और साथ ही यह भी बोल कर गए थे कि संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण परमात्मा है उन्हीं से तुम्हारा मोक्ष होगा| उसके बाद फिर भी हम और उपासना अपनाते रहे| लेकिन फिर जब हमारे भक्त भाई को पता चला तो उन्होंने गुरुजी को प्रार्थना लगाई हमारा नाम शुद्ध करवाया| उस दिन जिस दिन नाम शुद्ध कराया प्रार्थना लगाने के बाद तब उस दिन से लेकर आज तक का दिन है मैं आपके सामने खड़ी हूं बिल्कुल ठीक-ठाक| मेरी हालत ऐसे थी कि ना कुछ खा सकती थी ना पी सकती थी पूरे दिन उल्टी होती रहती थी| लेकिन आज का दिन है उस दिन से लेकर आज तक दिन है मुझे कोई परेशानी नहीं है मैं बिल्कुल ठीक हूं| आपके सामने हूं संत रामपाल जी महाराज की दया से

Read Also - एक व्यक्ति जो दुख पाते पाते जिंदगी से तंग आ गया

सवाल- बहन जी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने के बाद आपको बहुत लाभ प्राप्त हुए| आपको देखने से लगता है, कि  आपकी उम्र बहुत कम है| और इस उम्र में आप भक्ति कर रहे हो| आपकी उम्र के बच्चे कहते हैं कि अभी भक्ति नहीं करनी चाहिए अभी तो खेलने कूदने की उम्र है भक्ति तो बुढ़ापे में करेंगे| उन्हें क्या कहना चाहती हैं आप
वक्ता- जी मैं उनको यही कहना चाहूंगी अगर इस उम्र में खेलेंगे   कुदेंगे, अगर भक्ति नहीं करेंगे| भक्ति साधना नहीं करेंगे तो आगे जाकर आप देखते होंगे कि काफी बड़े बूढ़े हैं| जिनको काफी सारी परेशानियां है किसको कानों से नहीं सुनता या फिर कोई वैसे भी बीमार है, या फिर जो बच्चे हैं उनके उनकी अच्छे से देखभाल नहीं करते| लेकिन वहीं अगर हम इस उम्र में रहकर भक्ति करेंगे तो हमें आगे जाकर बुढ़ापे में कोई परेशानी नहीं आएगी| आप देखते हो कि लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है वह भी नहीं होगी हमें पता भी नहीं चलेगा कि हमारी मृत्यु कैसे हो जाएगी| वह आराम से हो जाएगी बिल्कुल



सवाल-बहन जी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा कैसे ली जा सकती है
वक्ता-  साधना चैनल पर सत्संग आता है| उसके नीचे  पीले कलर की पट्टी आती है उस पर नंबर दिए होते हैं| उस पर आप व्हाट्सएप कर कर पूछ सकते हैं की या फिर कॉल करके या फिर मैसेज कर कर पूछ सकते हैं, कि हमारे आसपास का कोआर्डिनेटर कौन है कहां से हमें नामदान मिल सकता है| और आपको नाम दीक्षा बिल्कुल निशुल्क मिलेगी यहां कोई पैसा नहीं कुछ नहीं

सवाल- धन्यवाद बहनजी
वक्ता-  सत साहिब


    ऐसे ही अनोखे अनुभव पढ़ने सुनने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ, हमारी वेबसाइट पर आपको रोज नए अनुभव पढ़ने को मिलते है और ये सारे अनुभव वास्तविक है ओर आम लोगो के है हो सकता है उनमें से कोई आप के आस पास का ही हो जिसे आप जानते भी हो ताकि पुष्टि भी कर सकें

कैंसर का मुफ्त इलाज संभव है टीबी एड्स जैसी सभी घातक बीमारियां पलक झपकते ही समाप्त होती है भूत प्रेत बाधाए आस पास फटकती भी नही है कंगाली से मुक्ति मिलती है आर्थिक स्थिति सामान्य होने लगती है ये सारे चमत्कार सम्भव है सिर्फ सद्भगति से
अगर आपके दिमाग मे ये विचार आ रहा हो कि भगति तो हम करते है सभी करते है पर फायदा नही मिल रहा तो इसलिए हमें आपको बताना चाहते है कि हमने सद्भगति शब्द लिखा है जिसका मतलब है प्रमाणित भगति, प्रमाणित कहा से, जी हां पवित्र वेदों और पवित्र गीताजी में जो भगति कहि गयी है उसी को करने से लाभ पूर्ण मिलता है सन्त रामपाल जी वही सत्य भगति दे रहे है बाकी पूरा समाज सिर्फ बढ़ो से सुनी सुनाई बाते से भगति में लगा है जो कि पूर्ण परमात्मा की नही है तो लाभ भी खुद ही नही मिलेगा।
सन्त रामपाल जी के ज्ञान को सुने उनके पवित्र संत्संग आप यूट्यूब पर सुन सकते है
संत रामपाल जी महाराज के सत्संग 

Post a Comment

0 Comments